विवेकानन्द रॉक मेमोरियल
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल की बात करे तो यह कन्याकुमारी के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। कन्याकुमारी में जो समुन्दर है उस समुन्दर में एक चट्टान पर स्थित है। और चारो तरफ से पानी से घिरा हुआ है जो देखने में कमाल का लगता है | विवेकानन्द रॉक मेमोरियल को 1970 में नीले तथा लाल ग्रेनाइट के पत्थरों से बनाया गया था। इनके बारे थोड़ा और जानते है | कन्याकुमारी नगर, विवेकानंद आश्रम, कन्याकुमारी का समुद्र तट, विवेकानंद शिला, संत तिरुवल्लुवर की विशालकाय मूर्ति, कन्याकुमारी देवी का मंदिर और आसपास के धार्मिक स्थानों में से एक है।
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल को दूर से देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है। यह भारत के तमिल नाडू राज्य के कन्याकुमारी जिले में स्थित है। विवेकानन्द रॉक मेमोरियल की बात करे तो यह समुद्रतल से 17 मीटर की ऊँचाई पर एक पत्थर के टापू की चोटी पर स्थित है। यह जगह 6 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह दो आसन्न लक्षद्वीप सागर के चट्टानों पर बैठा है। और मुख्य द्वीप से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। विवेकानन्द रॉक मेमोरियल में श्रीपद मण्डपम और विवेकानन्द मण्डपम नाम के दो मण्डप हैं।
विवेकानन्द की बात करे तो ऐसा माना जाता है कि वो कन्याकुमारी आये और इस पत्थर तक तैर कर गये और यहां दो दिनों तक गहरी ध्यान की मुद्रा में रात बिताई। उसके बाद उन्होंने अपने आप को देश की सेवा के प्रति समर्पित करने और अपने संदेश को सारे विश्व में प्रसारित करने का निश्चय किया। विवेकानंद के उस अनुभव का लाभ पूरे विश्व को हुआ, क्योंकि इसके कुछ समय बाद ही वे शिकागो सम्मेलन में भाग लेने गए थे। इस सम्मेलन में भाग लेकर उन्होंने भारत का नाम ऊंचा किया था। कन्याकुमारी का समुद्र तट अपने आप में बहुत ख़ास है। यह स्थान बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर और अरब सागर का संगम स्थल है।
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल एक बहुत ही खूबसूरत और घूमने के लिए अच्छी जगह है। यहाँ हर साल लाखो की तादाद में पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहाँ से चारों तरफ देखने के बाद सिर्फ समुन्दर ही दिखाई देता है। यहाँ आने के बाद समुद्र में स्नान कर सकते हैं और सागर की लहरों का आनंद ले सकते हैं। समुद्र तट पर सुबह-सुबह पर्यटकों की भीड़ सूर्योदय का दृश्य देखने के लिए इकट्ठी हो जाती है। यहाँ का सूर्योदय देखना मन को एक अद्भुत शांति प्रदान करता है। यहाँ जाने पर भारत के महान संत, महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के बारे में जानने का मौका मिलता है। समुद्र की लहरों से घिरी इस शिला तक पहुंचना भी एक अलग अनुभव है।
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल के बारे में और जानते है | यहाँ एक ध्यान कक्ष है, जहां शांत वातावरण में लोगो का ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करता है। भवन के अंदर चार फुट से ऊंचे प्लेटफॉर्म पर परिव्राजक संत स्वामी विवेकानंद की प्रभावशाली मूर्ति है। यह मूर्ति कांसे की बनी है, जिसकी ऊंचाई साढ़े आठ फुट है। यह मूर्ति इतनी प्रभावशाली है कि इसमें स्वामी जी का व्यक्तित्व एकदम सजीव प्रतीत होता है। स्मारक भवन का मुख्य द्वार अत्यंत सुंदर है। पूरे मेमोरियल मंडपम बेलूर में श्री रामकृष्ण मंदिर के समान है, और प्रवेश द्वार अजंता और एलोरा गुफा मंदिर की शैली पर बनाया गया है।
इस मंडप का डिजाइन भारत के विभिन्न मंदिरो के वास्तुकला और शैलियों को शामिल किया गया। भारत के विभिन्न स्थापत्य शैली का एक मिश्रण है। लाल रंग के पत्थर से निर्मित स्मारक पर 70 फुट ऊंचा गुंबद है। विवेकानन्द रॉक मेमोरियल परिसर के अन्दर पर्यटक विवेकानन्द की प्रतिमा देख सकते हैं। हकीकत में रॉक एक प्रक्षेपण कि रंग में भूरा है, और एक मानव पदचिह्न की तरह लग रहा है। यह प्रक्षेपण माना जाता है, और श्री पदम के रूप में भेजा है, और एक मंदिर 'श्री Padaparai मंडपम' नामक स्थान पर निर्माण किया गया है।
पर्यटकों को इस खूबसूरत स्मारक तक आसानी से पहुँच सकते हैं। यहाँ नाव की सुविधाएं उपलब्ध हैं।