गवरमेंट बॉटनिकल गार्डन

गवरमेंट बॉटनिकल गार्डन की बात करे तो यह घूमने के लिए और देखने के लिए बहुत ही जबर्दस्त जगह है | तो चलिए गवरमेंट बॉटनिकल गार्डन के बारे में जानते हैं | इस गार्डन में 2000 से भी अधिक विदेशी प्रजाति के पेड़-पौधे हैं। इन उद्यानों को घूमने के लिए हरसाल लाखों पर्यटक आते है

मनाली

मनाली भारत के उत्तरी हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। एक उच्च ऊंचाई वाला हिमालयी रिसॉर्ट शहर है। जो की कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर पर बसा हुआ है। मनाली शहर की बात करे तो मनाली शहर का नाम मनु के नाम पर पड़ा है। मनाली शब्द का शाब्दिक अर्थ "मनु का निवास-स्थान" होता है।

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल

विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के बारे में बता दे की यह भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। यह वर्तमान में एक संग्रहालय और एक पर्यटन आकर्षण के रूप में कार्य करता है। विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण रानी विक्टोरिया के 25 साल का शासन काल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया गया था।

हाजी अली दरगाह

हाजी अली दरगाह भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। हाजी अली के बारे में बता दे की यह एक धनी मुस्लिम व्यापारी, जो हाजी अली शाह बुखारी नामक एक संत द्वारा बनाया गया था। उन्होंने कहा कि मक्का की तीर्थयात्रा पर तैयार करने से पहले सभी सांसारिक सुखों का त्याग दिया।

मजोरदा बीच

मजोरदा बीच के बारे में बता दे की यह भारत के गोवा राज्य में स्थित है। यह मंडगांव रेलवे स्टेशन से करीब 11 किलोमीटर की दुरी पर है। मजोरदा समुद्र तट से कम दूरी पर Arossim, Benaulim, Velsao, Varca, पोंडा, Salcette और Bogmalo समुद्र तट जो गोवा के अन्य लोकप्रिय स्थलों में से एक है।

27 Mar 2021

Hotel Mountain Top-Manali

Hotel-Mountain-Top-Manali


Hotel Mountain Top-Manali


होटल माउंटेन टॉप मनाली में स्थित है जो बहुत ही खूबसूरत होटल है इस होटल में हर तरह की सुविधा मिलेगा | यहाँ आप भोजन का आनंद ले सकते हैं। आप इस होटल में टेबल टेनिस खेल सकते हैं और किराए पर बाइक भी उपलब्ध है। होटल कार किराए पर भी प्रदान करता है। 

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यह हिडिम्बा देवी मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। सर्किट हाउस होटल माउंटेन टॉप से 1.5 किमी दूर है, जबकि तिब्बती मठ संपत्ति से 2.5 किमी दूर है। माल रोड 3 किमी दूर है। निकटतम हवाई अड्डा कुल्लू मनाली हवाई अड्डा है, जो 52 किमी दूर है। मनु मंदिर 3 किमी है।

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होटल माउंटेन टॉप का रूम रेंट हर दिन चेंज होते रहता है |.. 

होटल माउंटेन टॉप का रूम रेंट का लिस्ट है जो इस प्रकार है | 


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Hotel-Mountain-Top-Manali





















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26 Mar 2021

Shiv Nadar | Richest People | HCL

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शिव नादर


व्यवसाय/पद: एचसीएल के अध्यक्ष

शिव नादर भारत के प्रमुख उद्योगपति एवं समाजसेवी हैं। वे एचसीएल और शिव नादर फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1971 में एचसीएल की स्थापना की और धीरे-धीरे कंपनी को हार्डवेयर के साथ-साथ आईटी उद्योग का एक बड़ा नाम  बना दिया। सन् 2010 में उनकी व्यक्तिगत सम्पत्ति 4.2 बिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य है। उनको सन 2008 में भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। पाँच देशों में, 100 से ज्यादा कार्यालय, 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी और दुनिया भर के कंप्यूटर व्यवसायियों, उपभोक्ताओं का विश्वास है |.. 

प्रारंभिक जीवन (Early Life)


शिव नादर का जन्म तमिलनाडु के थूठुकुडि जिले के मूलाइपुजहि गांव में 18 जुलाई 1945 को हुआ था। शिव ने कुम्बकोनम के टाउन हायर सेकेंडरी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने वहां सन 1955 से 1957 तक पढाई की। इसके बाद ‘द अमेरिकन कॉलेज, मदुरै’ से प्री-यूनिवर्सिटी डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात कोयंबटूर के पीइसजी कॉलेज से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।

कैरियर (Carrier)


शिव ने वर्ष 1967 में पुणे स्थित कूपर इंजीनियरिंग से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थे क्योंकि वो अपना व्यवसाय शुरू करने की ख्वाहिश रखते थे। वर्ष 1976 में 6 युवा इंजीनियरों के साथ उन्होंने ‘माइक्रोकॉम्प लिमिटेड’नामक एक कंपनी बनाई, जो टेलीडिजिटल कैलकुलेटर्स बेचने का काम करने लगी। इसके बाद उन्होंने ‘हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड’(एचसीएल) नामक कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी बनाई और वर्ष 1982 में अपने पहले पीसी के साथ ‘एचसीएल’बाजार में उतरा। एचसीएल के लिए एक बड़ी अहम् बात ये रही की कुछ वर्ष पहले ही (1977) आईबीएम ने भारत छोड़ा था जिससे आईटी सेक्टर में एक बड़ा खालीपन हो गया था। इसका भरपूर फायदा एचसीएल ने उठाया और इस रिक्तता को भरा। इसके साथ-साथ कंपनी ने अपने ग्राहकों का दिल भी जीत लिया। इसके बाद नादर ने पलट कर नहीं देखा और विदेशी जमीन पर भी उन्होंने ने खुद को स्थापित कर लिया और एक के बाद एक सफलता उनके कदम चूमती रही।

जल्दी ही नादर ने अपने आईटी व्यवसाय में पांच कंपनियां- एचसीएल टेक्नोलॉजीज (ग्लोबल आईटी सर्विस कंपनी), एचसीएल कॉमनेट (नेटवर्क सर्विसेज कंपनी), एचसीएल इंफोसिस्टम्स (इंडियन आईटी हार्डवेयर लीडर), एचसीएल पेरॉट (आईटी एप्लीकेशंस) और एनआईआईटी (एजुकेशन सर्विसेज) समाहित कर लीं।

वर्ष 1980 में, आईटी हार्डवेयर बेचने के लिए एचसीएल ने सिंगापुर में ‘फार ईस्ट कम्प्यूटर्स’ की स्थापना के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कदम रखा। इस उद्यम के प्रथम वर्ष में लगभग 10 लाख रूपए की आमदनी हुई। नादर इस उद्यम के सबसे बड़ी शेयरधारक बने रहे।

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Shiv Nadar And Roshni Nadar

Shiv Nadar | Richest People | HCL

वर्ष 1989 में एचसीएल ने अमेरिकी कंप्यूटर हार्डवेयर मार्केट में हाथ आजमाने की कोशिस की पर ये कोशिश असफल साबित हुई और कंपनी ने वर्ष 1991 अपने आप को पीसी व्यवसाय से बाहर कर लिया। उसके बाद नादर ने जॉन हॉपकिंस मेडिसिन इंटरनेशनल के साथ मिलकर एक क्लीनिक श्रृंखला एचसीएल Avitas की शुरुआत की है।

इस अपार सफलता के साथ-साथ नादर ने खुद को समाजसेवा से भी जोड़ लिया और ‘शिवनादर फाउंडेशन’की स्थापना की जिसके जरिए भारतीय शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए कार्य करने लगे। उन्होंने चेन्नई में ‘एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग’की स्थापना की, जो आज देश के सर्वश्रेष्ठ निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ‘शिव नादर यूनिवर्सिटी’ की नींव रखी, जहां अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और प्रोफेशनल डिग्री की शिक्षा दी जाती है। उत्तर प्रदेश में ‘विद्याज्ञान’ पब्लिक स्कूलों का निर्माण किया गया, जहां ग्रामीण बच्चों को मुफ्त में विश्वस्तरीय शिक्षा दी जाती है।

पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honors)


  • 1995: डाटाक्वेस्ट ने उन्हें ‘आई टी मैन ऑफ़ द ईयर’ चुना।
  • 2005: प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘सीएनबीसी बिजनेस एक्सिलेंस’ पुरस्कार से नवाजा।
  • 2006: ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) ने मानद फैलोशिप से सम्मानित किया।
  • 2007: मद्रास विश्वविद्यालय ने सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए उन्हें डॉक्टरेट की मानद डिग्री (डी एस सी) से सम्मानित किया।
  • 2007: अर्न्स्ट एंड यंग ने उन्हें ‘इंटरप्रेन्योर ऑफ़ द ईयर 2007′ सम्मान से नवाज़ा।
  • 2008: आईटी ट्रेड एंड इंडस्ट्री सहित जनसेवा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए वर्ष 2008 में उन्हें ‘पद्मभूषण’से सम्मानित किया गया।
  • 2009: फोर्ब्स पत्रिका ने एशिया पैसिफिक रीजन के ‘48 हीरोज ऑफ फिलेनथ्रोपी’ में उन्हें शामिल किया।
  • 2010: ‘डाटाक्वेस्ट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
  • वर्तमान में शिव आईआईटी कानपुर के अध्यक्ष हैं।



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24 Mar 2021

Manali | Himachal Pradesh | Manali Trip | मनाली

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मनाली


मनाली भारत के उत्तरी हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। एक उच्च ऊंचाई वाला हिमालयी रिसॉर्ट शहर है। जो की कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर पर बसा हुआ है। मनाली शहर की बात करे तो मनाली शहर का नाम मनु के नाम पर पड़ा है। मनाली शब्द का शाब्दिक अर्थ "मनु का निवास-स्थान" होता है। पौराणिक कथा के मुताबिक जल-प्रलय से दुनिया की तबाही के बाद मनुष्य जीवन को दुबारा निर्मित करने के लिए साधु मनु अपने जहाज से यही पर उतरे थे। मनाली को "देवताओं की घाटी" के रूप में जाना जाता है। पुराने मनाली गांव में ऋषि मनु को समर्पित एक अति प्राचीन मंदिर हैं।


 मनाली का इतिहास

मनाली के इतिहास के बारे में बात करे तो मनाली और उसके आस-पास के क्षेत्र भारतीय संस्कृति और विरासत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसे सप्तर्षि या सात ऋषियों का घर बताया गया है। ब्रिटिश राज ने सेब के पेड़ और ट्राउट (एक प्रकार की मछली) की शुरुआत की जो मनाली के पेड़-पौधों एवं जीवों में बिल्कुल नहीं पाई जाती थीं। ऐसा कहा जाता है कि जब सेब के पेड़ों का रोपण हुआ तो इतने ज्यादा सेब फलने लगते थे कि उनकी टहनियां वजन को न सह पाने के कारण गिर जाती थी। आज भी यहां के अधिकांश निवासियों के लिए बेर और नाशपाती के साथ-साथ सेब भी इनके आय के सबसे बड़े माध्यम हैं। 1980 के शेष दशक में कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद के बाद मनाली के पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिला | जो गांव कभी सुनसान रहा करता था वो अब कई होटलों और रेस्तरों वाले एक भीड़-भाड़ वाले शहर में परिवर्तित हो गया। यहां का हडिम्‍बा मंदिर 1533 ई. में हिंदू धर्म की देवी हडिम्‍बा को समर्पित करके बनाया गया था। हडिम्‍बा, हडिम्‍ब भगवान की बहन थीं। स्‍थानीय मान्‍यताओं के अनुसार, इस मंदिर को बनवाने वाले राजा ने मंदिर बनाने वाले कलाकारों के सीधे हाथ काट दिए थे ताकि वह ऐसा सुंदर मंदिर कही और न बना सकें। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनाली का नाम मनु से उत्‍पन्‍न हुआ है जिन्‍हे सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रहमा ने बनाया था। ऐसा माना जाता है कि मनु इसी जगह पर जीवन के सात चक्रों में बने और मिटे थे। मनाली की हिंदू धर्म में काफी मान्‍यता है जिसे जीवन के 7 चक्रों रिवर्स सेज से सम्‍बन्धित माना जाता है।

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आकर्षण केंद्र 

मनाली की बात करे तो यह पर्यटकों की पहली पसंद है और ऐसा हिल स्‍टेशन है जहां पर्यटक सबसे ज्‍यादा आते है। मनाली में आप पर्यटकों के बीच यहां के सुंदर दृश्‍यों, गार्डन, पहाड़ो, और सेब के बागों के लिए जाना जाता है। यहां के बागों में लाल और हरे सेब काफी मात्रा में पैदा होते है। यहां आने पर पर्यटक हिमालय नेशनल पार्क, हिडिम्‍बा मंदिर, सोलांग घाटी, रोहतांग पास, पनदोह बांध, पंद्रकनी पास, रघुनाथ मंदिर और जगन्‍ननाथी देवी मंदिर देख सकते हैं। मनाली की सोलांग घाटी 300 मीटर की ऊंचाई वाली है जहां हर साल सर्दियों में विंटर स्किईंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। वहीं रोहतांग पास एक पहाड़ी पिकनिक स्‍पॉट है जिसे जिपावेल रोड़ के नाम से भी जाना जाता है। यहां आकर पर्यटक कई प्रकार की साहसिक गतिविधियों  जैसे - पैराग्‍लाडिंग, पहाड़ो पर बाइक चलाना, और स्किईंग को कर सकते है। यहां से पूरे मनाली की भूमि, ग्‍लेशियर और पर्वतों का खुबसूरत व्‍यू देखा जा सकता है। मनाली में आने वाले धार्मिक पर्यटक व्‍यास कुंड अवश्‍य आएं, इस कुंड का वर्णन महाभारत में ऋषि व्‍यास के संदर्भ में किया गया है। माना जाता है कि ऋषि व्‍यास ने इसी कुंड में  स्‍नान किया था। कहा जाता है कि इस कुंड में स्‍नान करने से त्‍वचा सम्‍बंधी समस्‍त रोग दूर हो जाते हैं। मनाली में स्थित गांव वशिष्‍ठ सोपस्‍टोन से बना हुआ है। 

यह गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, यहां स्थित मंदिर सैंडस्‍टोन से बने हुए है। इसके अलावा, यहां कई प्राकृतिक झरने भी स्थित हैं। स्‍थानीय लोगों के अनुसार, लक्ष्‍मण जी जो भगवान राम के भाई थे, ने यहां एक सल्‍फर झरने का निर्माण कर दिया था। यहां आकर पर्यटक काला गुरू और रामा मंदिर भी देख सकते हैं। मनाली आने वाले पर्यटकों को हिमालयन नेशनल पार्क में दिलचस्‍पी लेनी चाहिए। इस पार्क में 300 से ज्‍यादा प्रकार के जीव जन्‍तु है। यह अभयारण्‍य विलुप्‍त पक्षियों की अनेक प्रजातियों और पश्चिमी ट्रागोपेन के लिए खासा प्रसिद्ध है। पार्क में 30 स्‍तनधारी प्रजाति भी पाई जाती हैं।

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मनाली में जगन्‍ननाथी देवी मंदिर को आज से 1500 साल पहले बनवाया गया था जो माता भुवनेश्‍वरी देवी को समर्पित है। यह मंदिर मनाली का मुख्‍य धार्मिक केंद्र है। जगन्‍नाथी देवी को भगवान विष्‍णु की बहन माना जाता है। यहां का अन्‍य धार्मिक केंद्र रघुनाथ मंदिर भी है जिसे यहां आने वाले सभी पर्यटक और श्रद्धालु घूमने आएं। यह मंदिर भगवान रघुनाथ जी को समर्पित है। इस मंदिर से मनाली के सभी पहाड़ो का एकस्‍वरूप दिखता है और भारत के उत्‍तर दिशा में स्थित हिमालय की तलहटी में रहने वाले लोगों के समूह में एक व्‍यापक सामान्‍यीकरण भी होता है, यहां के मंदिर की वास्‍तुकला पिरामिड आकार की है। यहां होने वाली साहसिक गतिविधियों के कारण भी जाना जाता है, यहां कई साहसिक गतिविधियों का आयोजन समय - समय पर किया जाता है जैसे - पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग, नदी राफ्टिंग, ट्रैकिंग, जॉरविंग और पैराग्लाइडिंग। मनाली के पास में रोहतांग दर्रा, देव डिव्‍वा बेस कैंप, पिन नार्वती पास, बाल झील आदि है जो पर्यटकों को अवश्‍य भाएंगे। मनाली में माउंटेन बाइकिंग भी की जा सकती है लेकिन यहां बाइकिंग करने का अच्‍छा और उचित समय सितम्‍बर के महीने में होता है। इस दौरान सड़को पर बर्फ जमा नहीं होती है और गाड़ी फिसलने का डर नहीं रहता है।

मनाली में आने वाले पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी क्‍योंकि यह शहर यातायात के सभी साधनों से पूर्णत: जुड़ा हुआ है। यहां पर्यटक हवाई यात्रा, रेल यात्रा या सड़क यात्रा करते हुए आ सकते हैं। यहां का भुटार एयरपोर्ट 50 किमी. की दूरी पर स्थित है जो घरेलू एयरपोर्ट है। विदेशों से आने वाले पर्यटक दिल्‍ली के रास्‍ते से आ सकते हैं। दिल्‍ली से मनाली के लिए भी उड़ान भरी जाती है। अन्‍य साधनों से भी दिल्‍ली से मनाली तक आया जा सकता है।  मनाली की नजदीकी रेलवे स्‍टेशन जोगिंदर नगर है जो शहर से 165 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां से देश के बड़े-बड़े शहरों जैसे - चंडीगढ़, शिमला, नई दिल्‍ली और पठानकोट के लिए ट्रेन मिल जाती हैं। वही राज्‍य में आने वाले पर्यटकों के लिए घूमने और भ्रमण के लिए राज्‍य सरकार व हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कई बसें चलाई गई हैं जो राज्‍य के अंदर ही नहीं बल्कि नजदीकी शहरों में भी जाती हैं। मनाली का मौसम साल भर काफी सुखद रहता है लेकिन पर्यटक यहां मार्च से जून के दौरान आना ज्‍यादा पसंद करते है।



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keyword-: मनाली के पर्यटन स्थल, मनाली ट्रिप, manali hotals, manali 

Azim Premji | Indian Businessman & Richest Man | Wipro

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अजीम प्रेमजी

अजीम प्रेमजी का पूरा नाम ( अजीम हाशिम प्रेमजी ) एक भारतीय बिजनेस टाइकून, निवेशक, इंजीनियर और परोपकारी हैं | भारतीय व्यापार उद्यमी, जिन्होंने विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, सॉफ्टवेयर उद्योग में एक विश्व नेता के रूप में विविधीकरण और विकास के चार दशकों के दौरान कंपनी का मार्गदर्शन किया।

कार्य क्षेत्र: भारतीय उद्योगपति, विप्रो के अध्यक्ष


अजीम प्रेमजी वर्तमान में नवंबर 2017 तक 19.5 अरब अमेरिकी डॉलर के अनुमानित शुद्ध मूल्य के साथ भारत का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति है। 2013 में, वह द गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर करके अपनी संपत्ति का कम से कम आधा हिस्सा देने पर सहमत हुए। प्रेमजी ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को $ 2.2 बिलियन दान के साथ शुरू किया, जो भारत में शिक्षा पर केंद्रित था।

अज़ीम हाशिम प्रेमजी एक भारतीय उद्योगपति, निवेशक और भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो के अध्यक्ष हैं। वे भारत के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक हैं और सन 1999 से लेकर सन 2005 तक भारत के सबसे धनि व्यक्ति भी थे। वे एक लोकोपकारी इंसान हैं और अपने धन का आधे से ज्यादा हिस्सा दान में देने का निश्चय किया है। एशियावीक ने उन्हें दुनिया के टॉप 20 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया और टाइम मैग्जीन ने दो बार उन्हें दुनिया के टॉप 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया है। अजीम प्रेमजी ने अपने नेतृत्व में विप्रो को नई ऊंचाइयां दी और कंपनी का कारोबार 2.5 मिलियन डॉलर से बदकार 7 बिलियन डॉलर कर दिया। आज विप्रो दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर आईटी कंपनियों में से एक मानी जाती है। फोर्ब्स मैग्जीन ने उन्हें दुनिया के साबसे अमीर व्यक्तियों की सूचि में उनका नाम शामिल किया है और उन्हें ‘भारत का बिल गेट्स’ का खिताब दिया है।

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प्रारंभिक जीवन (Early Life)

अजीम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई के एक निज़ारी इस्माइली शिया मुस्लिम परिवार में हुआ। इनके पूर्वज मुख्यतः कछ (गुजरात) के निवासी थे। उनके पिता एक प्रसिद्ध व्यवसायी थे और ‘राइस किंग ऑफ़ बर्मा’ के नाम से जाने जाते थे। विभाजन के बाद मोहम्मद अली जिन्नाह ने उनके पिता को पाकिस्तान आने का न्योता दिया था पर उन्होंने उसे ठुकराकर भारत में ही रहने का फैसला किया। सन 1945 में अजीम प्रेमजी के पिता मुहम्मद हाशिम प्रेमजी ने महाराष्ट्र के जलगाँव जिले में ‘वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ की स्थापना की। यह कंपनी ‘सनफ्लावर वनस्पति’ और कपड़े धोने के साबुन ’787’ का निर्माण करती थी।

उनके पिता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए उन्हें अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय भेजा पर दुर्भाग्यवश इसी बीच उनके पिता की मौत हो गयी और अजीम प्रेमजी को इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत वापस आना पड़ा। उस समय उनकी उम्र मात्र 21 साल थी।

भारत वापस आकर उन्होंने कंपनी का कारोबार संभाला और इसका विस्तार द्दोसरे क्षेत्रों में भी किया। सन 1980 के दशक में युवा व्यवसायी अजीम प्रेमजी ने उभरते हुए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के महत्त्व और अवसर को पहचाना और कंपनी का नाम बदलकर विप्रो कर दिया। आई.बी.एम. के निष्कासन से देश के आई.टी. क्षेत्र में एक खालीपन आ गया था जिसका फायदा प्रेमजी ने भरपूर उठाया। उन्होंने अमेरिका के सेंटिनल कंप्यूटर कारपोरेशन के साथ मिलकर मिनी-कंप्यूटर बनाना प्रारंभ कर दिया। इस प्रकार उन्होंने साबुन के स्थान पर आई.टी. क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित किया और इस क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित कंपनी बनकर उभरे।

( Azim Premji | Indian Businessman & Richest Man | Wipro )

लोकप्रिय कार्य (Popular Works)

सन 2001 में उन्होंने ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ की स्थापना की। यह एक गैर लाभकारी संगठन है जिसका लक्ष्य है गुणवत्तायुक्त सार्वभौमिक शिक्षा जो एक न्यायसंगत, निष्पक्ष, मानवीय और संवहनीय समाज की स्थापना में मददगार हो। यह फाउंडेशन भारत के लगभग 13 लाख सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के लिए काम करता है। यह संगठन वर्तमान में कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पांडिचेरी, आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश की सरकारों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। सन 2010 में, अजीम प्रेमजी ने देश में स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए लगभग 2 अरब डॉलर दान करने का वचन दिया। भारत में यह अपनी तरह का सबसे बड़ा दान है। कर्नाटक विधान सभा के अधिनियम के तहत अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय भी स्थापित किया गया।

‘द गिविंग प्लेज’ (The Giving Pledge)


वॉरेन बफेट और बिल गेट्स द्वारा प्रारंभ किया गया ‘द गिविंग प्लेज’ एक ऐसा अभियान है जो दुनिया के सबसे धनि व्यक्तियों को अपनी अकूत संपत्ति का ज्यादातर भाग समाज के हित और परोपकार के लिए दान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। अजीम प्रेमजी इसमें शामिल होने वाले पहले भारतीय हैं। रिचर्ड ब्रैनसन और डेविड सैन्सबरी के बाद वे तीसरे गैर अमेरिकी व्यक्ति हैं। सन 2013 में उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने अपनी कुल संपत्ति का लगभग 25 प्रतिशत दान में दे दिया है और 25 प्रतिशत अगले पांच सालों में करेंगे।

पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honors)


  • बिजनेस वीक द्वारा प्रेमजी को महानतम उद्यमियों में से एक कहा गया है
  • सन 2000 में मणिपाल अकादमी ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया सन
  • सन 2005 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया
  • 2006 में ‘राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान, मुंबई, द्वारा उन्हें लक्ष्य बिज़नेस विजनरी से सम्मानित किया गया
  • 2009 में उन्हें कनेक्टिकट स्थित मिडलटाउन के वेस्लेयान विश्वविद्यलाय द्वारा उनके उत्कृष्ट लोकोपकारी कार्यों के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया
  • सन 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया
  • सन 2013 में उन्हें ‘इकनोमिक टाइम्स अचीवमेंट अवार्ड’ दिया गया
  • सन 2015 में मैसोर विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया

निजी जीवन

अजीम प्रेमजी का विवाह यास्मीन के साथ हुआ और दंपत्ति के दो पुत्र हैं – रिषद और तारिक। रिषद वर्तमान में विप्रो के आई.टी. बिज़नेस के ‘मुख्य रणनीति अधिकारी’ हैं।

 जीवन घटनाक्रम (Time Line)
  • 1945: 24 जुलाई को अजीम रेमजी का जन्म मुंबई में हुआ
  • 1966: अपने पिता की मृत्यु के बाद अमेरिका से पढ़ाई छोड़ भारत वापस आ गए
  • 1977: कंपनी का नाम बदलकर ‘विप्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ कर दिया गया
  • 1980: विप्रो का आई.टी. क्षेत्र में प्रवेश
  • 1982: कंपनी का नाम ‘विप्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ से बदलकर ‘विप्रो लिमिटेड’ कर दिया गया
  • 1999-2005: सबसे धनी भारतीय रहे
  • 2001: उन्होंने ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ की स्थापना की
  • 2004: टाइम मैगज़ीन द्वारा दुनिया के टॉप 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया
  • 2010: एशियावीक के विश्व के 20 सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों की सूचि में नाम
  • 2011: टाइम मैगज़ीन द्वारा दुनिया के टॉप 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया
  • 2013: प्रेमजी ने अपने धन का 25 प्रतिशत भाग दान कर दिया और अतिरिक्त 25 प्रतिशत अगले पांच सालों में दान करने की भी घोषणा की

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7 Jul 2020

Mukesh Ambani Biography in Hindi

मुकेश अंबानी 

Mukesh-Ambani-Biography

                         Mukesh Ambani Biography in Hindi

परिचय  (Introduction)

  • पूरा नाम----------मुकेश धीरूभाई अंबानी
  • उपनाम-----------मुकु
  • जन्मतिथि----------19 अप्रैल 1957
  • आयु---------------------63 वर्ष
  • जन्म स्थान-----------------एडेन, एडेन की एक कॉलोनी (अब यमन)
  • राशि---------------------मेष
  • लम्बाई (लगभग)---------------फीट इन्च- 5’ 7”
  • वजन/भार (लगभग)----------90 कि० ग्रा०
  • आँखों का रंग---------------गहरा भूरा
  • बालों का रंग----------------काला
  • राष्ट्रीयता-----------------------भारतीय
  • गृहनगर--------------------मुंबई, भारत
  • स्कूल/विद्यालय---------------हिल ग्रेंज हाई स्कूल, पेडर रोड, मुंबई, भारत
  • कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय----रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान, माटुंगा, मुंबई,भारत
  •                                             स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफ़ोर्निया, यूएसए
  • शैक्षिक योग्यता------------केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक
  •                                    स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से परास्नातक (बीच में ही छोड़ दी)
  • व्यवसाय-----------------भारतीय व्यवसायी
  • शौंक--------------------पुस्तकें पढ़ना, मित्रों के साथ मौज-मस्ती करना, फ़िल्में देखना, पुराने                                        हिंदी गाने सुनना, तैराकी करना, पैदल यात्रा करना

परिवार (Family)

  • पिता----धीरूभाई अंबानी (भारतीय व्यवसायी)
  • माता----कोकिला बेन अंबानी
  • भाई-----अनिल अंबानी (भारतीय व्यवसायी)

Mukesh-Ambani

  • बहन----नीना और दीप्ती

Mukesh-Ambani

  • वैवाहिक स्थिति------विवाहित
  • विवाह तिथि--------8 मार्च 1985
  • पत्नी--------------नीता अंबानी

Mukesh-Ambani

बच्चे (Children)

  • बेटा-----आकाश अंबानी और अनंत अंबानी
  • बेटी-----ईशा अंबानी

Mukesh-Ambani

  • धर्म------हिन्दू
  • जाति-----मोध वाणिक

पसंदीदा चीजें (Favorite Things)

  • पसंदीदा भोजन----------इडली सांभर (दक्षिण भारतीय व्यंजन), पैनकी (गुजराती व्यंजन), 
  •                                             डोसा, गुजराती व्यंजन, भुनी हुई मूंगफली
  • पसंदीदा रेस्तरां-----------मैसूर कैफे, माटुंगा, मुंबई
  • पसंदीदा कार------------मेबैक (Matbach)
  • पसंदीदा रंग-------------श्वेत
  • पसंदीदा व्यवसायी--------धीरूभाई अम्बानी और आनंद महिंद्रा
  • पसंदीदा अभिनेता--------आमिर खान, ऋतिक रोशन और शाहरुख़ खान

धन संबंधित विवरण (Money Related Details)

  • कार संग्रह--------------बेंटले फ्लाइंग स्पूर, रोल्स रॉयस फैंटम, मर्सिडीज बेंज एस क्लास,                                            मेबैक 62, बीएमडब्लू 760li
  • जहाज संग्रह------------बोइंग बिजनेस जेट 2, फाल्कन 900EX, एयरबस 319 कॉरपोरेट जेट
  • घर/एस्टेट--------------₹650 करोड़ (लगभग) कीमत वाली 27 मंजिला इमारत अंटिलिया
  • संपत्ति (वर्ष 2018 के अनुसार)-------$40.1 बिलियन (₹2,60,622 करोड़)

कार्यक्षेत्र (Scope of Work) :--- उद्योगपति, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष

प्रारंभिक जीवन (Early Life)

मुकेश अम्बानी का जन्म 19 अप्रैल, 1957 में यमन स्थित अदेन शहर में धीरुभाई अम्बानी और कोकिलाबेन अम्बानी के घर हुआ था। उस समय उनके पिता अदेन में काम करते थे। मुकेश अम्बानी के छोटे भाई अनिल अम्बानी हैं और उनकी दो बहने भी हैं – दीप्ती सल्गओंकर और नीना कोठारी। 1970 के दशक तक मुकेश अम्बानी का परिवार मुंबई के भुलेश्वर में दो कमरों के मकान में रहता था पर उसका बाद धीरुभाई ने मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में एक 14 मंजिल ईमारत (सी विंड) खरीद लिया जहाँ मुकेश और अम्बानी परिवार के अन्य सदस्य कई सालों तक रहे।

मुकेश की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के पेद्दर रोड स्थित ‘हिल ग्रान्ज हाई स्कूल में हुई। यहाँ मुकेश के करीबी मित्र आनंद जैन उनके सहपाठी थे और इसी स्कूल में उनके छोटे भाई अनिल अम्बानी भी पढ़ते थे। मुकेश अम्बानी ने ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी, माटुंगा’ से केमिकल इंजीनियरिंग ऑफ़ बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री ग्रहण की। इसके पश्चात मुकेश ने एम.बी.ए. करने के लिए स्तान्फोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया पर एक साल बाद ही अपने पिता धीरुभाई अम्बानी की मदद करने के लिए पढ़ाई छोड़ दी।

करियर (Career)

सन 1980 में जब इंदिरा गाँधी सरकार ने पी.एफ.वाई. (पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न) का निर्माण निजी क्षेत्र के लिए खोला तब रिलायंस ने भी लाइसेंस के लिए अपनी दावेदारी पेश की और टाटा, बिड़ला तथा 43 और दिग्गजों के मध्य लाइसेंस पाने में कामयाबी हासिल की। पी.एफ.वाई. (पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न) कारखाने के निर्माण के लिए धीरुभाई अम्बानी ने मुकेश को एम.बी.ए. की पढ़ाई बीच में ही बुला लिया। मुकेश अपनी पढ़ाई छोड़ भारत आ गए और कारखाने के निर्माण में जुट गए।

मुकेश अम्बानी के नेतृत्व में ही रिलायंस ने भारत के सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक ‘रिलायंस इन्फोकॉम लिमिटेड’ (अब रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड) की स्थापना की।

मुकेश ने जामनगर (गुजरात) में बुनियादी स्तर की विश्व की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफायनरी की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सन 2010 में इस रिफायनरी की क्षमता 660,000 बैरल प्रति दिन थी यानी 3 करोड़ 30 लाख टन प्रति वर्ष। लगभग 100000 करोड़ रुपयों के निवेश से बनी इस रिफायनरी में पेट्रोकेमिकल, पावर जेनरेशन, पोर्ट तथा सम्बंधित आधारभूत ढांचा है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बार फिर ‘रिलायंस जिओ’ के माध्यम से दूरसंचार के क्षेत्र में कदम रखने जा रही है। इस बावत रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अनिल अम्बानी के रिलायंस कम्युनिकेशनन्स और सुनील मित्तल के एयरटेल के साथ उनके ढांचे के इस्तेमाल के लिए करार भी किया है। जून 2014 में रिलायंस के ए.जी.एम. के दौरान मुकेश ने अगले 3 साल में 4G सेवाएं प्रारंभ करने का एलान भी किया।

निजी जीवन (Private Life)

मुकेश अंबानी स्वर्गीय धीरूभाई अंबानी और कोकिला बेन अम्बानी के पुत्र हैं। धीरूभाई अंबानी ने ही रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की थी। मुकेश के छोटे भाई अनिल अम्बानी रिलायंस अनिल “धीरूभाई अम्बानी” समूह (ADAG) के प्रमुख हैं। यह समूह दूरसंचार, बिजली, प्राकृतिक संसाधनों, बुनियादी सुविधाओं और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में सक्रीय है। धीरुभाई अम्बानी के निधन के बाद दोनों भाईयों में नहीं बनी और कहा-सुनी हुयी, जिसके बाद रिलायंस समूह दो भागों में बंट गया।

मुकेश अम्बानी का विवाह नीता अम्बानी से हुआ। नीता रिलायंस इंडस्ट्रीज के सामाजिक एवं धर्मार्थ कार्यो को देखती हैं। उनके तीन बच्चे हैं – आकाश, ईशा और अनंत।

मुकेश अम्बानी के परिवार का सम्बन्ध गुजरात के मोध बनिया समुदाय से है।

मुकेश अम्बानी का निवास – एंटीलिया

मुकेश अम्बानी अपने परिवार के साथ दक्षिण मुंबई स्थित अपने 27 मंजिली ईमारत ‘एंटीलिया’ में रहते हैं। इसे दुनिया का सबसे महंगा मकान माना जाता है। लगभग 600 कर्मचारियों का दल इस ईमारत की देख-रेख में जूता रहता है। इसके नाम अटलांटिक ओसियन स्थित इसी नाम के एक पौराणिक टापू पर रखा गया है।

सम्मान और पुरस्कार (Honours and Awards)

  • मुकेश अम्बानी को एन डी टी वी द्वारा साल 2007 का ‘बिज़नसमैंन ऑफ़ द ईयर चुना गया | 
  • यूनाईटेड स्टेटस-इंडिया बिज़नस कौंसिल (USIBC) ने वाशिंगटन में मुकेश अम्बानी को 2007 में “ग्लोबल विज़न” लीडरशिप अवार्ड दिया
  • नवम्बर 2004 में प्राईस वाटर हाउस कूपर्स द्वारा कराये गए एवं फाइनेंशियल टाइम्स लन्दन में प्रकाशित सर्वे में मुकेश अम्बानी को चार सीईओ में दूसरा स्थान मिला
  • अक्टूबर 2004 में टोटल टेलिकॉम ने दूरसंचार के क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के तौर पर मुकेश अम्बानी को वर्ल्ड कम्युनिकेशन अवार्ड दिया
  • वौइस् एंड डाटा पत्रिका ने सितम्बर 2004 में उन्हें ‘टेलिकॉम मैंन ऑफ़ द ईयर’ चुना
  • फोर्च्यून पत्रिका के अगस्त 2004 अंक में सबसे शक्तिशाली कारोबारियों की एशिया पॉवर 25 सूचि में मुकेश को 13वां स्थान मिला
  • मई 2004 में एशिया सोसाइटी, वॉशिंगटन डी सी द्वारा उन्हें एशिया सोसाइटी लीडरशिप अवार्ड प्रदान किया गया
  • इंडिया टुडे के मार्च मई 2004 अंक में द पॉवर लिस्ट मई 2004 में मुकेश अम्बानी ने लगातार दूसरे साल पहला स्थान हासिल किया
  • सन 2007 में चित्रलेखा पर्सन ऑफ़ द ईयर -2007 पुरस्कार से सम्मानित किया गया

 

19 Jan 2019

Tourist Place | Delhi Park Name And Address Part-3

Delhi Park Name And Address Part-3



दिल्ली के पार्क के बारे में बात करे तो इससे पहले कुछ पार्को के बारे में पोस्ट डाल चूका हूँ | यह तीसरा पोस्ट है दिल्ली के पार्को के बारे में | यहाँ हर पार्क में कुछ न कुछ नया देखने को मिलता हैं और ख़ास कर बच्चो के लिए घूमने, खेलने कूदने और मस्ती करने के लिए सबसे अच्छी पार्क ही होता है | कुछ लोग टहलने और अपने आप को शांति प्राप्त करने के लिए पार्क का दौरा तो जरूर ही करते है | इसके अलावा पार्क का डिमांड सबसे ज्यादा कपल का ही होता है | आज हम पार्क का नाम और अड्रेस के बारे में बताएंगे जिससे आप आसानी से इन जगहों पे जा कर घूम सकते हैं | दिल्ली में बहुत सारे पार्क है और सभी पार्को के नाम एक ही पोस्ट में नहीं बता पाएंगे इसलिए सारे पार्को के नाम और अड्रेस बताने के लिए कम से कम 3, 4,  पोस्ट करना पड़ेगा | तो आज के पोस्ट में कुछ ही पार्क और अड्रेस के बारे में बताएंगे |



दिल्ली के पार्क का नाम और अड्रेस

गांधी पार्क
एड्रेस----ए-ब्लॉक, हरि नगर, नानक पुरा, नई दिल्ली, दिल्ली-110064

रोशनारा पार्क
रोशनारा रोड, रोशनारा गार्डन, पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, दिल्ली-110007

हौज खास जिला पार्क
एड्रेस----अफ्रीका एवेन्यू, डीयर पार्क, हौज खास, नई दिल्ली, दिल्ली-110016

DDA पार्क
एड्रेस----मधुबन एन्क्लेव, प्रीत विहार, नई दिल्ली, दिल्ली-110092

इलाखी पार्क
एड्रेस----नेहरू एंक्लेव, शकरपुर खास, शकरपुर, नई दिल्ली, दिल्ली-110092

जुरासिक पार्क
एड्रेस----राजपथ, राजपथ क्षेत्र, रायसीना हिल्स, नई दिल्ली, दिल्ली-110004

तालकटोरा उद्यान
एड्रेस----राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति की संपत्ति, नई दिल्ली, दिल्ली-110004

राजेंद्र पार्क
एड्रेस----35/16, शंकर रोड, केनरा बैंक कवाटर, ब्लॉक 35, ओल्ड राजिंदर नगर, नई दिल्ली

अजमेरी गेट पार्क
एड्रेस----5258, श्रद्धानंद मार्ग, कूचा टिकू शाह, नई दिल्ली, दिल्ली-110006

अजमल खान पार्क
एड्रेस----अजमल खान आरडी, ब्लॉक 57, करोल बाग, नई दिल्ली, दिल्ली-110005

स्टोन बाग़
एड्रेस----वेस्ट पटेल नगर, पटेल नगर, नई दिल्ली, दिल्ली-110008

सत्य निकेतन पार्क
एड्रेस----सत्य निकेतन, दक्षिण मोती बाग, नई दिल्ली, दिल्ली-110021

मधुबन पार्क
एड्रेस----मदर डेयरी मार्ग, I.P.Extension, पटपड़गंज, नई दिल्ली, दिल्ली-110092

संजय झेल एंड पार्क
एड्रेस----ब्रिगेडियर होशियार सिंह मार्ग, लक्ष्मी बाई नगर, नई दिल्ली, दिल्ली-110001

लेक पार्क
एड्रेस----लक्ष्मी बाई नगर, नई दिल्ली, दिल्ली-110023

मुगल गार्डन दिल्ली
एड्रेस----गेट नंबर 35, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली, दिल्ली-110004