मिनाक्षी अम्मन मंदिर
मिनाक्षी अम्मन मंदिर की बात करे तो यह देखने में बहुत सुन्दर है | तो इसके रोचक तथ्यों के बारे में जानते है| मिनाक्षी अम्मन मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से आधुनिक विश्व के आश्चर्यों में गिना जाता है। यह एक इतिहासिक हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर माता पार्वती को समर्पित है जो मिनाक्षी के नाम से जानी जाती है। यह मंदिर मदुराई शहर में स्थित है। यह मदुराई शहर तमिलनाडु राज्य में है। इस मंदिर में मां मीनाक्षी की पूजा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पूरे दक्षिण भारत में मनाया जाता है।
तमिलनाडु की बात करे तो यहाँ के मुख्य आकर्षणों में से भी एक है। यह मंदिर 2500 साल पुराना है। यह विशाल भव्य मंदिर भगवान शिव व मीनाक्षी देवी पार्वती के रूप के लिए समर्पित है। यह मंदिर भी भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। मीनाक्षी मंदिर पार्वती के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह 3500 वर्ष से अधिक पुराना माना जा रहा है।
मीनाक्षी अम्मन मंदिर की बात करे तो यह विश्व के नए सात अजूबों के लिए नामित किया गया है। मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। हिन्दु पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव अपने गणों के साथ पांड्य राजा की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह करने मदुरई नगर में आये थे।
और ये भी माना जाता है की इस मंदिर की स्थापना इंद्र ने की थी। जब वे तीर्थयात्रा पर जा रहे थे तभी उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इस विशाल भव्य मंदिर का स्थापत्य एवं वास्तु भी काफी रोचक है। इस इमारत में 12 भव्य गोपुरम है, जिन पर महीन चित्रकारी की है। यह मंदिर लगभग 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यह मंदिर 2 दीवारों की परिसीमा में निर्मित है। इसकी ऊंचाई 170 फीट है। सबसे छोटा गोपुरम् उत्तर दिशा में है तथा 160 फीट ऊंचा है।
मिनाक्षी अम्मन मंदिर के बारे में पर जानते है | इन सभी गोपुरम् में विभिन्न देवी-देवताओं, किन्नरों एवं गंधर्वों की सुंदर आकृतियां बनी हैं। इसमें चार प्रवेश द्वार है। यह प्रवेश द्वार देवी मीनाक्षी और भगवान Sundareswarer की जुड़वां मंदिरों में शामिल है। यह मंदिर चार छोटे गोपुरम से घिरे हैं। पूर्वी प्रवेश द्वार आम तौर पर पसंद किया जाता है क्योंकि यह मीनाक्षी Sannadhi (मंदिर), जुड़वां मंदिर के राज देवता के सामने खुलता है। मंदिर के 'मंडपम' 985 खंभे के होते हैं। प्रत्येक स्तंभ अद्वितीय है। इन खंभों की खास विशेषता यह है कि वे एक ही ग्रेनाइट पत्थर ब्लॉक के बाहर खुदी हुई हैं।
मदुराई कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यहाँ का केंद्र बना हुआ है | यह शहर के मुख्य आकर्षण है और तीर्थयात्रियों आध्यात्मिकता और शांति की तलाश में इस जगह के लिए आते हैं। मंदिर देवी मीनाक्षी और भगवान Sundareswarer के लिए समर्पित है। मीनाक्षी अम्मन मंदिर मदुराई के केन्द्र में स्थित है। इस मन्दिर से जुड़ा़ सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है मीनाक्षी तिरुकल्याणम, जिसका आयोजन अप्रैल के मध्य में होता है। जिसमे तक़रीबन 1 मिलियन से भी ज्यादा लोग आते है।
इस उत्सव को देख कर तमिल नाडु के अधिकांश मन्दिरों में वार्षिक उत्सवों का आयोजन भी होता है। महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार जैसे की नवरात्री और शिवरात्रि का आयोजन भी बड़ी धूम-धाम से मंदिर में किया जाता है। शुक्रवार को यहाँ श्रद्धालुओं की भारी मात्रा में भीड़ उमड़ी होती है। कहा जाता है की मंदिर में कुल 33,000 मूर्तियाँ है। यह मंदिर शहर का सबसे मुख्य केंद्र और आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है।