इंडिया गेट
इंडिया गेट के बारे में बता दे की यह भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। इसे मूल रूप से अखिल भारतीय युद स्मारक कहा जाता है। नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित है | यह करीब 46 मीटर ऊँचा एक विशाल द्वार है। इसे सन 1161 में बनाया गया था। इसका डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने तैयार किया था। यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रायम्फ से प्रेरित है। इस स्मारक का निर्माण अंग्रेज शासकों द्वारा उन 10000 भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्ध में शहीद हुए थे।
इंडिया गेट के बारे में और जानते हैं | यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम, गेट पर उत्कीर्ण हैं। यह स्मारक लाल और पिले बलुआ पत्थरो से बना हुआ है। यह स्मारक दर्शनीय है। इसकी मेहराब के निचे अमर जवान ज्योति स्थापित कर दी गई है। अनाम सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफल के ऊपर सैनिक की टोपी सजा दी गई है जिसके चारो कोनो पर हमेशा एक ज्योति जलती रहती है। इंडिया गेट पर प्रति वर्ष प्रधान मंत्री व तीनों सेनाध्यक्ष पुष्प चक्र चढ़ाकर अपनी श्रंद्धाजलि अर्पित करते हैं। इंडिया गेट की दीवारों पर हजारों शहीद सैनिकों के नाम खुदे हैं ।
जब इंडिया गेट बनकर तैयार हुआ था। तब इंडिया गेट के सामने स्थित वह छतरी अभी भी ज्यों का त्यों है। इस छतरी के निचे किसी जमाने में जार्ज पंचम की भव्य मूर्ति हुआ करती थी। लेकिन भारत के आजाद होने के बाद उस मूर्ति को सरकार ने वहाँ से हटा कर कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया।
इंडिया गेट देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है और इसका डिजाइन काबिले तारीफ़ है | इसके चारो ओर बगीचा है और इसे देखने के लिए प्रतिदिन हजारो की तादाद में लोग आते हैं | इसके अलावा यहाँ एक छोटा सा तालाब है इसका भी मजा आप उठा सकते हैं | खास मौके पर यहाँ बहुत ज्यादा भीड़ होती है |